Wednesday, March 26, 2008

सात स्वरूप का ध्यान ..

श्री गोवर्धन नाथ पाद युग्लम, हैंग्वीना प्रियम

नित्यम श्री मथुरादिपम सुख करम, श्री विठालेषम मुदा

श्री मद द्वार्वतीश गोकुलपति,श्री गोकुलेंदुम विभुं

श्री न्मंम्थ मोहनम नटवर, श्री बाल कृष्ण भजे.

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